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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग
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अध्याय 4: ब्रह्माण्ड के प्रलय की चार कोटियाँ
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श्लोक 12
श्लोक
12.4.12
ततो मेघकुलान्यङ्ग चित्र वर्णान्यनेकश: ।
शतं वर्षाणि वर्षन्ति नदन्ति रभसस्वनै: ॥ १२ ॥
अनुवाद
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हे राजा, उसके पश्चात नाना प्रकार के रंग-बिरंगे बादलों के समूह बिजली के साथ भयानक गर्जना करते हुए इकट्ठा होंगे और सौ वर्षों तक मूसलाधार वर्षा करेंगे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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