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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग
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अध्याय 4: ब्रह्माण्ड के प्रलय की चार कोटियाँ
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श्लोक 11
श्लोक
12.4.11
तत: प्रचण्डपवनो वर्षाणामधिकं शतम् ।
पर: सांवर्तको वाति धूम्रं खं रजसावृतम् ॥ ११ ॥
अनुवाद
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एक सौ सालों से भी ज़्यादा समय तक विनाशकारी आँधी चलेगी, और धूल भरे आकाश का रंग ग्रे हो जाएगा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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