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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग
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अध्याय 4: ब्रह्माण्ड के प्रलय की चार कोटियाँ
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श्लोक 10
श्लोक
12.4.10
उपर्यध: समन्ताच्च शिखाभिर्वह्निसूर्ययो: ।
दह्यमानं विभात्यण्डं दग्धगोमयपिण्डवत् ॥ १० ॥
अनुवाद
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सभी तरफ से जला — ऊपर से चमकते सूरज से और नीचे से भगवान् संकर्षण की आग से — पूरा ब्रह्मांड जलते हुए गोबर के गोले की तरह चमकेगा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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