श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग  »  अध्याय 3: भूमि गीत  »  श्लोक 31
 
 
श्लोक  12.3.31 
 
 
तस्मात् क्षुद्रद‍ृशो मर्त्या: क्षुद्रभाग्या महाशना: ।
कामिनो वित्तहीनाश्च स्वैरिण्यश्च स्त्रियोऽसती: ॥ ३१ ॥
 
अनुवाद
 
  कलियुग के दुष्प्रभाव से लोग संकुचित विचारों वाले, बदनसीब, खाने-पीने के शौकीन, कामुक और गरीब हो जाएंगे। स्त्रियाँ पतिव्रता धर्म का पालन न करके एक पुरुष को छोड़कर दूसरे पुरुषों के साथ स्वतंत्रतापूर्वक विचरण करेंगी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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