वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग
»
अध्याय 3: भूमि गीत
»
श्लोक 31
श्लोक
12.3.31
तस्मात् क्षुद्रदृशो मर्त्या: क्षुद्रभाग्या महाशना: ।
कामिनो वित्तहीनाश्च स्वैरिण्यश्च स्त्रियोऽसती: ॥ ३१ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
कलियुग के दुष्प्रभाव से लोग संकुचित विचारों वाले, बदनसीब, खाने-पीने के शौकीन, कामुक और गरीब हो जाएंगे। स्त्रियाँ पतिव्रता धर्म का पालन न करके एक पुरुष को छोड़कर दूसरे पुरुषों के साथ स्वतंत्रतापूर्वक विचरण करेंगी।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.