जो व्यक्ति भगवान कृष्ण की शुद्ध भक्ति चाहता है, उसे भगवान उत्तमश्लोक के यशपूर्ण गुणों की कथाएँ श्रवण करनी चाहिए, जिनका निरंतर कीर्तन सभी अशुभताओं का नाश कर देता है। भक्तों को नियमित दैनिक सभाओं में इस श्रवण में संलग्न होना चाहिए और दिन भर इसी में लगे रहना चाहिए।