वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग
»
अध्याय 13: श्रीमद्भागवत की महिमा
»
श्लोक 22
श्लोक
12.13.22
भवे भवे यथा भक्ति: पादयोस्तव जायते ।
तथा कुरुष्व देवेश नाथस्त्वं नो यत: प्रभो ॥ २२ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
हे ईशों के ईश, हे स्वामी, आप कृपा करके हमें जन्म-जन्मांतर तक अपने चरण-कमलों की शुद्ध भक्ति का वरदान प्रदान करें।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.