श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग  »  अध्याय 13: श्रीमद्भागवत की महिमा  »  श्लोक 10
 
 
श्लोक  12.13.10 
 
 
इदं भगवता पूर्वं ब्रह्मणे नाभिपङ्कजे ।
स्थिताय भवभीताय कारुण्यात् सम्प्रकाशितम् ॥ १० ॥
 
अनुवाद
 
  भगवान विष्णु ने सबसे पहले श्रीमद्भागवत का पूर्ण रूप ब्रह्मा जी को दिखाया था। उस समय ब्रह्मा जी, संसार से डरकर, भगवान की नाभि से निकले कमल पर बैठे हुए थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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