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अध्याय 11: महापुरुष का संक्षिप्त वर्णन
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श्लोक 34
श्लोक
12.11.34
अर्यमा पुलहोऽथौजा: प्रहेति: पुञ्जिकस्थली ।
नारद: कच्छनीरश्च नयन्त्येते स्म माधवम् ॥ ३४ ॥
अनुवाद
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माधव महीने में सूर्य देव के रूप में अर्यमा, ऋषि के रूप में पुलह, यक्ष के रूप में अथौजा, राक्षस के रूप में प्रहेति, अप्सरा के रूप में पुंजिकस्थली, गंधर्व के रूप में नारद और नाग के रूप में कच्छनीर शासन करते हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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