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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग
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अध्याय 11: महापुरुष का संक्षिप्त वर्णन
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श्लोक 26
श्लोक
12.11.26
य इदं कल्य उत्थाय महापुरुषलक्षणम् ।
तच्चित्त: प्रयतो जप्त्वा ब्रह्म वेद गुहाशयम् ॥ २६ ॥
अनुवाद
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प्रातःकाल उठकर शुद्ध मन से महापुरुष की ध्यान लगाकर चुपचाप इनके गुणों को जप करने वाला, हृदय में निवास करने वाले परब्रह्म के रूप में इन्हें पहचान लेता है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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