वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग
»
अध्याय 10: शिव तथा उमा द्वारा मार्कण्डेय ऋषि का गुणगान
»
श्लोक 36
श्लोक
12.10.36
कामो महर्षे सर्वोऽयं भक्तिमांस्त्वमधोक्षजे ।
आकल्पान्ताद् यश: पुण्यमजरामरता तथा ॥ ३६ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
हे महान ऋषी, आप भगवान अधोक्षज के प्रति समर्पित हैं, इसलिए आपकी सभी इच्छाएँ पूर्ण होंगी। इस सृष्टि चक्र के अंत तक आपकी कीर्ति फैलेगी और आप बुढ़ापे और मृत्यु से मुक्त रहेंगे।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.