वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग
»
अध्याय 1: कलियुग के पतित वंश
»
श्लोक 38
श्लोक
12.1.38
तुल्यकाला इमे राजन् म्लेच्छप्रायाश्च भूभृत: ।
एतेऽधर्मानृतपरा: फल्गुदास्तीव्रमन्यव: ॥ ३८ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
हे राजन परीक्षित, एक ही काल में बहुत-से ऐसे असभ्य राजा शासन करेंगे, और वे सभी दान न करने वाले, अत्यन्त क्रोधी तथा अधर्म और असत्य के परम भक्त होंगे।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.