श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग  »  अध्याय 1: कलियुग के पतित वंश  »  श्लोक 38
 
 
श्लोक  12.1.38 
 
 
तुल्यकाला इमे राजन् म्‍लेच्छप्रायाश्च भूभृत: ।
एतेऽधर्मानृतपरा: फल्गुदास्तीव्रमन्यव: ॥ ३८ ॥
 
अनुवाद
 
  हे राजन परीक्षित, एक ही काल में बहुत-से ऐसे असभ्य राजा शासन करेंगे, और वे सभी दान न करने वाले, अत्यन्त क्रोधी तथा अधर्म और असत्य के परम भक्त होंगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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