वासे बहूनां कलहो भवेद् वार्ता द्वयोरपि ।
एक एव वसेत्तस्मात् कुमार्या इव कङ्कण: ॥ १० ॥
अनुवाद
जब एक ही स्थान पर अनेक लोग एक साथ रहते हैं, तो उनमें आपस में झगड़े होना निश्चित है। यहाँ तक कि अगर केवल दो लोग ही एक साथ रहें तब भी उनके बीच अधिक बातचीत होगी और मतभेद होंगे। इसलिए, झगड़ों से बचने के लिए मनुष्य को अकेले रहना चाहिए। जैसा कि हम लड़की की चूड़ी के दृष्टांत से सीखते हैं।