श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 11: सामान्य इतिहास  »  अध्याय 6: यदुवंश का प्रभास गमन  »  श्लोक 36
 
 
श्लोक  11.6.36 
 
 
यत्र स्न‍ात्वा दक्षशापाद् गृहीतो यक्ष्मणोडुराट् ।
विमुक्त: किल्बिषात् सद्यो भेजे भूय: कलोदयम् ॥ ३६ ॥
 
अनुवाद
 
  एक समय की बात है, चन्द्रमा दक्ष के शाप के कारण यक्ष्मा से पीड़ित हो गया था, लेकिन प्रभास क्षेत्र में स्नान करने मात्र से चन्द्रमा अपने सभी पापों से तुरंत मुक्त हो गया और उसकी कलाओं की अभिवृद्धि भी हुई।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.