वैदिक अनुष्ठानों के भौतिकवादी अनुयायी भगवान की पूजा त्यागकर अपनी पत्नियों की पूजा करते हैं और इस तरह उनके घर कामुकता और यौन जीवन की पूजा करने के लिए समर्पित हो जाते हैं और इन कार्यों में उनकी जिज्ञासाएं और बढ़ती हैं। इस तरह के भौतिकवादी घरवाले इस तरह के भयावह आचरण के लिए एक दूसरे को प्रोत्साहित करते हैं। वे अनुष्ठानों में आहुति देना शारीरिक निर्वाह के लिए आवश्यक मानते हैं और नियम विरुद्ध क्रियाएँ करते हैं जिनमें भोजन बाँटा नहीं जाता है और ब्राह्मणों और अन्य सम्मानित लोगों को दान नहीं दिया जाता। बल्कि अपने कर्मों के बुरे परिणामों को जाने बिना वे बकरे जैसे जानवरों की क्रूरतापूर्वक हत्या करते हैं।