श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 11: सामान्य इतिहास  »  अध्याय 31: भगवान् श्रीकृष्ण का अंतर्धान होना  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  11.31.9 
 
 
सौदामन्या यथाक्लाशे यान्त्या हित्वाभ्रमण्डलम् ।
गतिर्न लक्ष्यते मर्त्यैस्तथा कृष्णस्य दैवतै: ॥ ९ ॥
 
अनुवाद
 
  उसी प्रकार, जिस तरह सामान्य लोग बादलों से निकल रही बिजली के निकलने के मार्ग का पता नहीं लगा सकते, उसी तरह देवतागण भगवान् कृष्ण की गतिविधियों का पता नहीं लगा पाए क्योंकि वह अपने धाम लौट रहे थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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