श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 11: सामान्य इतिहास  »  अध्याय 31: भगवान् श्रीकृष्ण का अंतर्धान होना  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  11.31.6 
 
 
लोकाभिरामां स्वतनुं धारणाध्यानमङ्गलम् ।
योगधारणयाग्नेय्यादग्ध्वा धामाविशत् स्वकम् ॥ ६ ॥
 
अनुवाद
 
  अपने उस पारलौकिक शरीर को जलाए बिना ही भगवान श्री कृष्ण अपने धाम में प्रवेश कर गए। उनका दिव्य शरीर सभी लोकों का सर्वाधिक आकर्षक विश्राम स्थल है और सभी चिंतन और ध्यान का लक्ष्य है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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