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अध्याय 31: भगवान् श्रीकृष्ण का अंतर्धान होना
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श्लोक 24
श्लोक
11.31.24
नित्यं सन्निहितस्तत्र भगवान् मधुसूदन: ।
स्मृत्याशेषाशुभहरं सर्वमङ्गलमङ्गलम् ॥ २४ ॥
अनुवाद
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भगवान् मधुसूदन, परब्रह्म, द्वारका में सदा विराजमान हैं। यह समस्त शुभ स्थानों में सर्वाधिक शुभ है, और केवल इसका स्मरण करना ही सारे पापों का नाश कर देता है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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