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अध्याय 31: भगवान् श्रीकृष्ण का अंतर्धान होना
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श्लोक 18
श्लोक
11.31.18
देवकी रोहिणी चैव वसुदेवस्तथा सुतौ ।
कृष्णरामावपश्यन्त: शोकार्ता विजहु: स्मृतिम् ॥ १८ ॥
अनुवाद
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जब देवकी, रोहिणी और वसुदेव को अपने बेटे कृष्ण और बलराम न मिले, तब वे दुख के मारे बेहोश हो गए।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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