श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 11: सामान्य इतिहास  »  अध्याय 29: भक्ति-योग  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  11.29.9 
 
 
कुर्यात् सर्वाणि कर्माणि मदर्थं शनकै: स्मरन् ।
मय्यर्पितमनश्चित्तो मद्धर्मात्ममनोरति: ॥ ९ ॥
 
अनुवाद
 
  मनुष्य को हमेशा मुझे याद रखते हुए, जल्दबाजी किए बिना, मेरे प्रति अपने सारे कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। उसे चाहिए कि वह मुझे अपना मन और बुद्धि अर्पित कर मेरी भक्ति के आकर्षण में अपना मन स्थिर रखे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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