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श्लोक 12
श्लोक
11.27.12
शैली दारुमयी लौही लेप्या लेख्या च सैकती ।
मनोमयी मणिमयी प्रतिमाष्टविधा स्मृता ॥ १२ ॥
अनुवाद
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भगवान का अर्चाविग्रह रूप आठ प्रकारों में प्रकट होता है - पत्थर, काष्ठ, धातु, मिट्टी, चित्र, बालू, मन या रत्न।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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