श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 11: सामान्य इतिहास  »  अध्याय 26: ऐल-गीत  »  श्लोक 8
 
 
श्लोक  11.26.8 
 
 
नाहं वेदाभिनिर्मुक्त: सूर्यो वाभ्युदितोऽमुया ।
मूषितो वर्षपूगानां बताहानि गतान्युत ॥ ८ ॥
 
अनुवाद
 
  इस औरत ने मुझे इतना बेवकूफ बनाया कि मैं सुबह और शाम का सूरज भी नहीं देख पाया। अफसोस! मैंने इतने सारे साल बर्बाद कर दिए!
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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