कुतस्तस्यानुभाव: स्यात् तेज ईशत्वमेव वा ।
योऽन्वगच्छंस्त्रियं यान्तीं खरवत् पादताडित: ॥ ११ ॥
अनुवाद
मेरा बड़ा प्रभाव, मेरे बल और मेरा स्वामित्व कहाँ है? जिस स्त्री ने मुझे पहले ही त्याग दिया था, उसके पीछे मैं उसी तरह भाग रहा हूँ जैसे कोई गधा जिसके मुँह पर उसकी गधी लात मार रही हो।