श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 11: सामान्य इतिहास  »  अध्याय 24: सांख्य दर्शन  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  11.24.6 
 
 
तेभ्यः समभवत् सूत्रं महान् सूत्रेण संयुतः ।
ततो विकुर्वतो जातो योऽहङ्कारो विमोहनः ॥ ६ ॥
 
अनुवाद
 
  इन गुणों से महत् तत्त्व और आदि सूत्र की उत्पत्ति हुई। महत् तत्त्व के रूपांतर से मिथ्या अहंकार उत्पन्न हुआ और यही जीवों के मोह का कारण बना है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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