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श्लोक 4
श्लोक
11.24.4
तयोरेकतरो ह्यर्थः प्रकृतिः सोभयात्मिका ।
ज्ञानं त्वन्यतमो भावः पुरुषः सोऽभिधीयते ॥ ४ ॥
अनुवाद
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इन दो प्रकार के रूपों में से एक भौतिक प्रकृति है, जिसमें सूक्ष्म कारण और पदार्थों की प्रकट उपज दोनों शामिल हैं। दूसरा है जीव की चेतना जिसे भोक्ता कहा जाता है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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