एवमन्वीक्षमाणस्य कथं वैकल्पिको भ्रमः ।
मनसो हृदि तिष्ठेत व्योम्नीवार्कोदये तमः ॥ २८ ॥
अनुवाद
विश्व-संहार का विज्ञान, जैसे सूर्य का उदय आकाश से अँधेरे को दूर करता है, उसी तरह एक गंभीर छात्र के मन से भ्रामक द्वैत को भी दूर कर देता है। भले ही किसी तरह उसका मन भ्रम में पड़ भी जाए, तो भी वह भ्रम उसके मन में नहीं रहता।