मेरी शक्तियों के पारस्परिक प्रभाव से भिन्न-भिन्न मत उत्पन्न होते हैं। परन्तु जिन लोगों ने अपनी बुद्धि मुझ पर केन्द्रित कर ली है और अपनी इन्द्रियों को अपने वश में कर लिया है, उनके विभिन्न मत दूर हो जाते हैं और इस प्रकार तर्क-वितर्क का मुख्य कारण ही मिट जाता है।