जैसे कोई बुद्धिहीन व्यापारी व्यर्थ के कारोबारी ख्यालों में अपनी असली दौलत गँवा देता है, उसी तरह मूर्ख लोग ज़िन्दगी में सचमुच मूल्यवान चीज़ों को त्यागकर स्वर्ग जाने के पीछे पड़े रहते हैं, जो सुनने में अच्छा तो लगता है, लेकिन सपने की तरह असत्य होता है। ऐसे मोहित लोग अपने दिलों में ये ख्याल करते हैं कि उन्हें सारी भौतिक वरदान प्राप्त हो जाएँगे।