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श्लोक 2
श्लोक
11.21.2
स्वे स्वेऽधिकारे या निष्ठा स गुण: परिकीर्तित: ।
विपर्ययस्तु दोष: स्यादुभयोरेष निश्चय: ॥ २ ॥
अनुवाद
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अपने पद पर स्थिरता रखना असल शुद्धता है, वहीं अपने पद से हटना अशुद्धता है। इस प्रकार दोनों को निश्चित किया जाता है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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