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अध्याय 20: शुद्ध भक्ति ज्ञान एवं वैराग्य से आगे निकल जाती है
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श्लोक 29
श्लोक
11.20.29
प्रोक्तेन भक्तियोगेन भजतो मासकृन्मुने: ।
कामा हृदय्या नश्यन्ति सर्वे मयि हृदि स्थिते ॥ २९ ॥
अनुवाद
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जब कोई बुद्धिमान व्यक्ति मेरे द्वारा बताई गई प्रेमाभक्ति से लगातार मेरी पूजा करता है, तो उसका हृदय मुझ में दृढ़ता से स्थित हो जाता है। इस तरह उसके हृदय में जितनी भी भौतिक इच्छाएँ होती हैं, वे नष्ट हो जाती हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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