श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 11: सामान्य इतिहास  »  अध्याय 2: नौ योगेन्द्रों से महाराज निमि की भेंट  »  श्लोक 17
 
 
श्लोक  11.2.17 
 
 
तेषां वै भरतो ज्येष्ठो नारायणपरायण: ।
विख्यातं वर्षमेतद् यन्नाम्ना भारतमद्भ‍ुतम् ॥ १७ ॥
 
अनुवाद
 
  भगवान् ऋषभदेव के सौ पुत्रों में से सबसे बड़े भरत, भगवान् नारायण के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित थे। भरत की ख्याति के कारण ही यह धरती अब महान् भारतवर्ष के नाम से जानी जाती है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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