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श्रीमद् भागवतम
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अध्याय 19: आध्यात्मिक ज्ञान की सिद्धि
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श्लोक 5
श्लोक
11.19.5
तस्माज्ज्ञानेन सहितं ज्ञात्वा स्वात्मानमुद्धव ।
ज्ञानविज्ञानसम्पन्नो भज मां भक्तिभावत: ॥ ५ ॥
अनुवाद
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इसलिए हे उद्धव, ज्ञान के मार्ग से अपने वास्तविक आत्म को समझो। तत्पश्चात् अपने वैदिक ज्ञान की स्पष्ट अनुभूति से आगे बढ़ते हुए, प्रेम और भक्ति की भावना से मेरी पूजा करो।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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