श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 11: सामान्य इतिहास  »  अध्याय 19: आध्यात्मिक ज्ञान की सिद्धि  »  श्लोक 12
 
 
श्लोक  11.19.12 
 
 
निवृत्ते भारते युद्धे सुहृन्निधनविह्वल: ।
श्रुत्वा धर्मान् बहून् पश्चान्मोक्षधर्मानपृच्छत ॥ १२ ॥
 
अनुवाद
 
  जब कुरुक्षेत्र का महान युद्ध समाप्त हो गया, तब राजा युधिष्ठिर अपने प्रिय हितैषियों की मृत्यु से विह्वल थे और इस तरह अनेक धार्मिक सिद्धान्तों के विषय में उपदेश सुन कर, अन्त में उन्होंने मुक्ति के मार्ग के विषय में पूछा था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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