अग्निपक्वं समश्नीयात् कालपक्वमथापि वा ।
उलूखलाश्मकुट्टो वा दन्तोलूखल एव वा ॥ ५ ॥
अनुवाद
वह व्यक्ति आग पर बने अन्न या फिर समय के साथ पके हुए फलों को भोजन के तौर पर ले सकता है। इसके साथ ही वह अपने भोजन को या तो बट्टे से पीसकर खा सकता है या फिर अपने दाँतों से चबाकर खा सकता है।