वर्णानामाश्रमाणां च जन्मभूम्यनुसारिणी: ।
आसन् प्रकृतयो नृणां नीचैर्नीचोत्तमोत्तमा: ॥ १५ ॥
अनुवाद
प्रत्येक मनुष्य के जन्म के समय के अनुसार उसकी निम्न और उच्च प्रकृति के हिसाब से ही मानव समाज में विविध कार्य (वर्ण) और सामाजिक (आश्रम) विभाग अस्तित्व में आए।