वाचं यच्छ मनो यच्छ प्राणान् यच्छेन्द्रियाणि च ।
आत्मानमात्मना यच्छ न भूय: कल्पसेऽध्वने ॥ ४२ ॥
अनुवाद
इसलिए अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें, अपने मन को वश में करें, जीवन ऊर्जा पर विजय प्राप्त करें, इंद्रियों को नियंत्रित करें और शुद्ध बुद्धि के माध्यम से अपनी तार्किक क्षमताओं को नियंत्रित करें। इस तरह आप भौतिक अस्तित्व के मार्ग पर फिर कभी नहीं गिरेंगे।