श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 11: सामान्य इतिहास  »  अध्याय 1: यदुवंश को शाप  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  11.1.18 
 
 
किं कृतं मन्दभाग्यैर्न: किं वदिष्यन्ति नो जना: ।
इति विह्वलिता गेहानादाय मुषलं ययु: ॥ १८ ॥
 
अनुवाद
 
  यदुवंश के तरुणों ने कहा, "हाय! हमने क्या कर डाला? हम कितने अभागे हैं! हमारे कुल-परिवार वाले हमसे क्या कहेंगे?" ऐसा कहते और बहुत परेशान होते हुए वे घर लौट आए और मूसल भी अपने साथ ले आए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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