श्रीशुक उवाच
तथानुगृह्य भगवान् गोपीनां स गुरुर्गति: ।
युधिष्ठिरमथापृच्छत् सर्वांश्च सुहृदोऽव्ययम् ॥ १ ॥
अनुवाद
शुकदेव गोस्वामी ने कहा: गोपियों के आध्यात्मिक गुरु और उनके जीवन का उद्देश्य भगवान श्री कृष्ण ने उन पर दया दिखाई। इसके बाद वह युधिष्ठिर और अपने अन्य सम्बन्धियों से मिले और उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा।