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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 81: भगवान् द्वारा सुदामा ब्राह्मण को वरदान
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श्लोक 4
श्लोक
10.81.4
पत्रं पुष्पं फलं तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति ।
तदहं भक्त्युपहृतमश्नामि प्रयतात्मन: ॥ ४ ॥
अनुवाद
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यदि कोई मेरे लिए प्रेम व श्रद्धा से एक पत्ता, फूल, फल या जल भेंट करता है, तो मैं इसे स्वीकार करूँगा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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