श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 80: द्वारका में भगवान् श्रीकृष्ण से ब्राह्मण सुदामा की भेंट  »  श्लोक 5
 
 
श्लोक  10.80.5 
 
 
सूत उवाच
विष्णुरातेन सम्पृष्टो भगवान् बादरायणि: ।
वासुदेवे भगवति निमग्नहृदयोऽब्रवीत् ॥ ५ ॥
 
अनुवाद
 
  सूत गोस्वामी बोले: इस प्रकार राजा विष्णुरात के द्वारा प्रश्न किये जाने पर शक्तिशाली ऋषि बादरायणि ने, जिनका हृदय भगवान वासुदेव के ध्यान में पूर्णतया लीन रहता था, यह उत्तर दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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