छोटे बच्चों के बीच में, उन्हें मारने के इरादे से पूतना नंद महाराज के घर गई, क्योंकि उसे प्रभु की अतिशय शक्ति ने ही भेजा था। पूतना ने नन्द महाराज से पूछे बिना ही उनके घर प्रवेश कर बालक को बिस्तर पर सोते हुए देखा, जो असीमित शक्ति से परिपूर्ण था, जैसे किसी शक्तिशाली अग्नि को राख से ढका गया हो। पूतना समझ गई कि यह बालक कोई सामान्य नहीं है, बल्कि सभी राक्षसों का वध करने के लिए आया है।