श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 6: पूतना वध  »  श्लोक 21
 
 
श्लोक  10.6.21 
 
 
गोप्य: संस्पृष्टसलिला अङ्गेषु करयो: पृथक् ।
न्यस्यात्मन्यथ बालस्य बीजन्यासमकुर्वत ॥ २१ ॥
 
अनुवाद
 
  गोपियों ने प्रथम में अपने दाहिने हाथ का पानी एक घूँट भरकर आचमन किया। वे न्यास-मंत्र से अपने शरीर और हाथों को शुद्ध करते हुए, उस मंत्र का उच्चारण करते हुए बच्चे के शरीर को भी शुद्ध कर रही थीं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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