श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 5: नन्द महाराज तथा वसुदेव की भेंट  »  श्लोक 7
 
 
श्लोक  10.5.7 
 
 
गावो वृषा वत्सतरा हरिद्रातैलरूषिता: ।
विचित्रधातुबर्हस्रग्वस्‍त्रकाञ्चनमालिन: ॥ ७ ॥
 
अनुवाद
 
  गायों, बैलों और बछड़ों के पूरे शरीर पर हल्दी और तेल के साथ अलग-अलग तरह के खनिजों का मिश्रण लगाया गया था। उनके सर पे मोर पंख लगाए गए थे, उन्हें मालाएं पहनाई गई थीं और ऊपर से कपड़े तथा सोने के गहनों से ढंक दिया गया था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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