श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 43: कृष्ण द्वारा कुवलयापीड हाथी का वध  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  10.43.9 
 
 
स पर्यावर्तमानेन सव्यदक्षिणतोऽच्युत: ।
बभ्राम भ्राम्यमाणेन गोवत्सेनेव बालक: ॥ ९ ॥
 
अनुवाद
 
  जब भगवान अच्युत ने हाथी की पूँछ पकड़ी तो वह बाएँ और फिर दाएँ घूमने लगा जिससे भगवान विपरीत दिशा में घूमने लगे जैसे कोई बालक किसी बछड़े की पूँछ खींचने पर घूमता है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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