श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 43: कृष्ण द्वारा कुवलयापीड हाथी का वध  »  श्लोक 5
 
 
श्लोक  10.43.5 
 
 
एवं निर्भर्त्सितोऽम्बष्ठ: कुपित: कोपितं गजम् ।
चोदयामास कृष्णाय कालान्तकयमोपमम् ॥ ५ ॥
 
अनुवाद
 
  इस प्रकार धमकाए जाने पर महावत क्रोधित हो गया। उसने अपने उग्र हाथी को अंकुश से संभाला। वह कृष्ण पर आक्रमण करने वाला काल, मृत्यु तथा यमराज के समान प्रतीत हुआ।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.