श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 43: कृष्ण द्वारा कुवलयापीड हाथी का वध  »  श्लोक 4
 
 
श्लोक  10.43.4 
 
 
अम्बष्ठाम्बष्ठ मार्गं नौ देह्यपक्रम मा चिरम् ।
नो चेत् सकुञ्जरं त्वाद्य नयामि यमसादनम् ॥ ४ ॥
 
अनुवाद
 
  [कृष्ण ने कहा]: अरे सारथी, तुरंत एक तरफ हट जा और हमें निकलने दे। अगर तूने ऐसा नहीं किया तो आज ही मैं तुझे और तेरे हाथी को यमराज के धाम भेज दूँगा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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