किं मया हतया मन्द जात: खलु तवान्तकृत् ।
यत्र क्व वा पूर्वशत्रुर्मा हिंसी: कृपणान् वृथा ॥ १२ ॥
अनुवाद
अरे कंस! मूर्ख, मुझे मारने से तुझे क्या हासिल होगा? तेरा जन्मजात शत्रु और तेरा वध करने वाला श्री भगवान् कहीं और जन्म ले चुका है। इसलिए, व्यर्थ ही और बच्चों को मत मार।