गोपियाँ कहती हैं : जब मुकुन्द अपनी बाँसुरी पर उँगलियाँ फिराते हैं, अपने कोमल गालों को बाएँ हाथ पर रखकर नाचते हैं, तो देवियाँ अपने पतियों के साथ आकाश में उड़ान भरते हुए हैरान हो जाती हैं। जब ये महिलाएँ वंशी की ध्वनि सुनती हैं, तो उनके मन में कामुक इच्छाएँ जागृत हो जाती हैं और वे अपनी वेदना में अपने ढीले होते कमरबंदों पर ध्यान नहीं दे पाती हैं।