तासामाविरभूच्छौरि: स्मयमानमुखाम्बुज: ।
पीताम्बरधर: स्रग्वी साक्षान्मन्मथमन्मथ: ॥ २ ॥
अनुवाद
तदनन्तर भगवान श्री कृष्ण के मुख-मंडल पर मुस्कान खेल रही थी, वह गोपियों के सामने प्रकट हुए। माला और पीले वस्त्रों से सुशोभित वह ऐसे लग रहे थे, जो प्रेम के देवता कामदेव के भी मन को मोह लेने में सक्षम थे, कामदेव जो साधारण लोगों के मन को मोह लेने के लिए मशहूर हैं।