श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 30: गोपियों द्वारा कृष्ण की खोज  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  10.30.9 
 
 
चूतप्रियालपनसासनकोविदार-
जम्ब्वर्कबिल्वबकुलाम्रकदम्बनीपा: ।
येऽन्ये परार्थभवका यमुनोपकूला:
शंसन्तु कृष्णपदवीं रहितात्मनां न: ॥ ९ ॥
 
अनुवाद
 
  हे चूत, हे प्रियाल, हे सपोटा, हे आसन और कोविदार, हे जामुन, हे अर्जुन, हे बेल, बकुला और आम, हे कदंब और नारियल और यमुना किनारे रहने वाले अन्य पौधों और पेड़ों, जिन्होंने अपना जीवन दूसरों की भलाई के लिए समर्पित कर दिया है, हम गोपियों के मन चुरा लिये गये हैं तो कृपया हमें बताइए कि कृष्ण कहाँ गए हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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