हे वृक्षो, हम देख रही हैं कि तुम झुक रहे हो। जब राम के छोटे भाई इधर से गये जिनके पीछे-पीछे भौंरे उनकी माला की तुलसी मंजरी के चारों ओर मँडरा रहे थे तो क्या उन्होंने अपनी स्नेहपूर्ण चितवन से तुम्हारे प्रणामों को स्वीकार किया था? वे अवश्य ही अपनी बाँह अपनी प्रिया के कंधे पर रखे रहे होंगे और दूसरे हाथ में कमल का फूल लिये रहे होंगे।